मंगलवार, 11 नवंबर, 2025
रात चाहे कितनी भी गहरी क्यों न हो, सुबह हमेशा अपनी कोमल रोशनी लेकर आती है।
अभी बारिश वाली सुबह है, लेकिन एक क्षण के लिए मुझे वह चमकदार रोशनी याद आ गई जो मैंने भोर होते समय देखी थी।
ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्मजोशी भरी आवाज़ मुझे शक्तिशाली शक्ति के साथ धीरे से आगे धकेल रही हो, और कह रही हो, "कोई बात नहीं। प्रकाश पर विश्वास रखो, अपने मन को शांत करो, और जैसे हो वैसे ही आगे बढ़ते रहो।"
अपने हृदय में चमकने वाली इस गर्म ज्योति को सदैव गले लगाओ, तथा हर चीज को जैसी है वैसी ही स्वीकार करो...
मैं शांतिपूर्वक और चुपचाप, कदम दर कदम चलता हूं।


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