सोमवार, 6 दिसंबर, 2021
यह एक ऐसी सुबह थी जब धरती को ढकने वाली बर्फ की पतली परत ऐसी लग रही थी मानो वह जम कर पूरी तरह जम जाएगी।
जिस क्षण यह चमकने लगा, गहरे लाल बादलों को नारंगी रंग में रंगने लगा...
चाहे हम पर कितने भी बादल क्यों न छाये हों, सूर्य प्रतिदिन उदय होता है और अस्त होता है, "सूर्य नहीं, तो जीवन नहीं!"
असीम प्रेम, कृतज्ञता और प्रार्थनाओं के साथ उस महान सूर्य के प्रति जो सदैव हमारी रक्षा करता है...

◇ नोबोरु और इकुको