शुक्रवार, 23 दिसंबर, 2022
शीतकालीन संक्रांति की सुबह, एक पतला, धागे जैसा चाँद भोर से पहले आकाश में तैरता है।
शीतकालीन संक्रांति वह दिन है जब सूर्य सबसे कमजोर होता है और रातें सबसे लंबी होती हैं।
अगले दिन, अमावस्या से, सकारात्मक गति शुरू हो जाएगी और दिन-प्रतिदिन चमक बढ़ती जाएगी।
तो, तैयार हो जाइए और एक नई दुनिया की यात्रा पर निकल पड़िए!!!

◇ नोबोरु और इकुको