जब सूरज निकलता है, तो मैं सोचती हूँ, "ठीक है, चलो टहलने चलते हैं!" मैं ऊर्जा से भरपूर होती हूँ। "सोच रही हूँ कि मैं और कितनी बार चल पाऊँगी?" चलते हुए मैंने कंधे उचका दिए। 😄 [ग्रुप होम हेकिसुई]

सोमवार, 21 नवंबर, 2022

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